अंततः पति-पत्नी, बेटा-बेटी चारों का मृत शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ।
मैहर सतना मार्ग में हुई सड़क दुर्घटना मे मैहर के जमताल निवासी उपाध्याय परिवार के चार सदस्यों की दर्दनाक मृत्यु हो गई।
जीतनगर में उपाध्याय परिवार के साथ हुई ह्रदय विदारक सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के चार सदस्यों का काल कलवित हो जाना आत्मा को झकझोर गया।
हम उक्त परिवार के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए। प्रभू श्री हरि से श्री चरणों में स्थान देने की कामना करते है। साथ ही मृतक जनो को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
दुर्भाग्य की बात यह है कि अभी तक ना तो सतना जिले के कोई जनप्रतिनिधि और ना ही प्रशासनिक अमला पहुंचा, किसी का घर समाप्त हो गया और हमारे क्षेत्र के नेता मंत्रीगण अपने गुरुर में खोए हुए हैं
पापा
ओ पापा
आवाज बिटिया और बेटे ने दी
आज हम कंही बाहर खाना खांएगे
ख्वाहिशों को पूरा करने अपनी जीवनसंगिनी और बच्चों संग एक पति/पिता चल पड़ा
जीवन के सुखद पल होते हैं,…जब परिवार साथ मे खाना खाता है
इस खुशी को एक पिता बेहतर तरीके से महसूस कर पाता है
रेस्टोरेंट के वेटर को बुलाया और उसे मोबाइल देते हुए परिवार की फोटो खिंचवाई गई
कितनी परफेक्ट फोटो आई थी
एक हंसता खेलता परिवार की
लेकिन किसे पता था कि इस परिवार की जिंदगी की ये आखिरी फोटो बनने वाली है।
परिवार अपनी मस्ती में घर मैहर के लिए निकल पड़ा।
15 मिनट की दूरी घर की बची थी कि एक अनहोनी हुई,…कार सीधे सामने से आ रहे ट्रक से जा भिड़ी फिर सब कुछ खत्म
एक घण्टे पहले हंसता खेलता परिवार, अब दम तोड़ चुका था।
कुछ सांसे बची भी थी बेटे स्नेह की तो वो व्यवस्था के आगे दम तोड़ गई… अब उपाध्याय परिवार की कोई भी फोटो पूरे परिवार संग कोई भी वेटर नही खींच सकता
क्या ये कहानी सतना जिले के सिस्टम को जगायेगी ?
नहीं…
हादसे के बाद 2 घण्टे तक स्नेह सड़को पर ही इलाज तलाशता रहा
पर्याप्त समय मिलने के बाद भी उसे वह चिकित्सा नही मिल सकी की उसकी जान बच सके
घटना के 20 मिनिट के अंदर अस्पताल पहुंचने वाले स्नेह ने दो घण्टे सड़क पर बिताने के बाद खानापूर्ति वाले इलाज में जिला अस्पताल में दाखिल हुआ और फिर रेफर के नाम पर सड़क पर ही दम तोड़ गया
ये एक परिवार की मौत नही, ये यहां की चिकित्सा सेवा को मौत है
उन नेताओं की इंसानियत की मौत है जो बड़े बड़े दावे करते है स्वास्थ्य सेवाओं के
ये मौत है उन अफसरान की जिम्मेदारियों की जिन पर इसके सुधार और निगरानी की जिम्मेदारी है
बाकी गड्ढे और निर्माण अनदेखी से खूनी होती जा रही सडकों पर बोलना, लिखना इन बिके हुए लोगो के सामने बेमानी है
क्योंकि इन्हें दर्द तब तक न होगा जब कोई अपना न जाएगा।
भगवान ना करे ऐसी घटना और किसी के परिवार में घटित हो, परमात्मा उन सबकी आत्मा को शांति दे एवं अपने श्री चरणों में स्थान दे। ॐ शांति विनम्र श्रद्धांजलि।
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