प्रदेश में भूमि के अविवादित नामांतरण के प्रकरण का तेजी के साथ निराकरण करने के लिए साइबर तहसील की स्थापना की जाएगी। इसमें क्रेता और विक्रेता को नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आॅनलाइन उपस्थित को मान्य किया जाएगा। इसी तरह गौण खनिज के अवैध खनन से जुड़े मामलों में अब राजस्व की जगह खनिज विभाग की कार्रवाई करेगा। इसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भू-राजस्व संहिता में संशोधन के लिए विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को शिवराज कैबिनेट ने लिया है। राजस्व विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक, हर दो जिलों के बीच एक साइबर तहसील बनेगी। इसमें पक्षकारों के बयान आॅनलाइन होंगे। गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मप्र पहला राज्य होगा, जहां साइबर तहसील का गठन किया जा रहा है। इसके लिए अलग से तहसीलदार नियुक्त किया जाएगा। इस व्यवस्था में खरीदार और बेचने वाले को नामांतरण के लिए तहसील आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आवेदन के बाद तहसीलदार नोटिस जारी करेगा। आपत्ति नहीं आने पर नामांतरण कर दिया जाएगा। मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया कि प्रदेश के सभी नागरिकों को ऊर्जा साक्षर बनाने के लिए प्रदेश स्तर पर ”ऊर्जा साक्षरता अभियान” चलाया जाएगा। अभियान के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों को ऊर्जा बचत की जानकारी दी जाएगी।
Indian Railways : भारत की इस शानदार ट्रेन में किराए का नहीं होगा झंझट ! मुफ्त में यात्रा का उठाएं आनंद
Indian Railways : जब देश में ट्रेन से यात्रा करने की बात आती है तो इसे सबसे महत्वपूर्ण साधन माना...