उचेहरा-नागौद रोड में कस्बे से महज चार किमी दूरी पर सूखा नाला है। इस नाले के किनारे पुराने कपड़ों का अंबार लगा हुआ है जो इस सड़क से आ जा रहे लोगों को यह पूछने पर जरूर विवश करता है कि इतनी तादात में पुराने कपड़े सड़क के किनारे पड़े हुए हैं। यहां आने वाले लोगों का मानना है कि सूखा और कुपोषण रोग इस नाले को सात बार आर-पार होकर परिसर में लगे हैंडपंप में स्नान करके नये कपड़े धारण करता है तो उसे सूखे रोग से निजात मिल जाता है। यही वजह है कि सूखा नाला का किनारा पुराने कपड़ों से पटा हुआ है। मील के पत्थर में दर्ज यह स्थान सूखा व कुपोषण रोग के लिए इतना चर्चित हो चुका है कि इस स्थान का नाम मील के पत्थर में लिख दिया है। इसके अलावा जब आप उचेहरा से नागौद रोड पर जाएंगे तो सड़क के किनारे काफी तादात में पुराने कपड़े मिल जाएंगे जिससे आप को इस नाले की जानकारी हो जाएगी।
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