Singrauli news : पटवारी ने बटांकन की जमीन करा दी रजिस्ट्री, रिलायंस का विस्थापित 14 साल से नौकरी के लिए जनसुनवाई के काट रहा चक्कर
Singrauli news : जिले में आम लोगों और पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिये उद्देश्य से शुरू की गई जनसुनवाई योजना मजाक बनकर रह गई है। यहां प्रति मंगलवार को जनसुनवाई में बड़ी संख्या में पैसा और समय बर्बाद कर दूर दराज से लोग शिकायतें लेकर पहुंचते हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती। लोगों को सिर्फ निराशा हाथ लगती है।
गौरतलब है कि जिले में कोई औद्योगिक कंपनियों आने के बाद स्थानीय लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। कंपनियों ने जो विस्थापितों के साथ एमओयू किया था उसका पालन शायद ही कोई कंपनी पूरी तरह कर पाई हो।
जनसुनवाई में लगातार विस्थापित अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन उन्हें न्याय नहीं बल्कि एक तारीख दी जाती है। विस्थापित भगवानदास शाह रमेश कुमार कुशवाहा, काबिस प्रसाद शाह ने कहा कि कलेक्टर से अपनी शिकायतों को लेकर कई बार आवेदन किया।
लेकिन आवेदन देने के बाद भी शिकायतों का निराकरण नहीं हो पाता। लिहाजा लोग कई बार जनसुनवाई में पहुंच रहे हैं। लेकिन न्याय नहीं हो पाता ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अब जनसुनवाई मजाक बनता जा रहा है।
Singrauli news : ट्रामा सेन्टर के 36 कर्मचारियों को नही मिली 3 महीने से पगार
जिला अस्पताल सह ट्रामा सेंटर में आउट सोर्स के विभिन्न पदों पर कार्यरत 36 कर्मचारियों को पिछले 6 महीने से कोई भुगतान नहीं किया गया। जिसके वजह से सभी कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से मानदेय दिलाने की मांग की। साथ ही कहा की किसी तरह कर्ज लेकर काम चलाया। लेकिन अब कर्जदार उन्हें जीने नहीं दे रहे हैं। पिछले 5 सालों में कोई भी वेतन की बढ़ोतरी नहीं हुई है। ना ही कलेक्टर दर पर भुगतान किया है।
Singrauli news : दो अतिथि शिक्षकों ने नही मिला मानदेय
अतिथि शिक्षक रमेश कुमार कुशवाहा और भैयालाल यादव शासन हाई स्कूल गड़ई गांव में साल 2023-24 में कार्यरत थे। दोनों अतिथि शिक्षक मानदेय के लिए अधिकारियों से आरजू मिन्नत की। लेकिन नहीं मिला। मानदेय के लिए 6 फरवरी को सीएम हेल्पलाइन भी किया । लेकिन उसका भी निराकरण नहीं हुआ। अब जनसुनवाई में पहुंच कलेक्टर से मानदेय दिलाने की गुहार लगाई है।
Singrauli news : रिलांयस कंपनी जमीन लेने के बाद भी नही दे रही नौकरी
भगवानदास शाह निवासी सिद्धीखुर्द शासन अल्ट्रा मेगा पावर रिलायंस कंपनी से विस्थापित है। साल 2011 में 2 एकड़ जमीन और रिहायशी मकान कंपनी ने ले लिया। लेकिन 14 साल बाद भी कंपनी में नौकरी नहीं मिली। (Singrauli news)जबकि जमीन लेते समय कहां गया था कि सभी विस्थापितों को नौकरी दी जाएगी। भगवानदास ने बताया कि 2022 से लगातार जनसुनवाई में न्याय की गुहार लगा रहा हूं। लेकिन न्याय नहीं मिल पा रहा। पहले हम किसान थे, इसी जमीन में खेती कर घर परिवार का भरण पोषण होता था। जमीन चली गई तो मजदूर बन गया।