साहब…नवजीवन विहार एवं बस स्टैण्ड बैढऩ का कई बार भ्रमण कर चुके हैं। महीने में एकाध बार मोरवा, जयंत के बैगा बस्ती, नंदगांव, जैतपुर, सिम्पलेक्स कॉलोनी, पचौर, नौगढ़ सहित अन्य गली, मोहल्लों के नालियों एवं साफ-सफाई का जायजा लें तो नगर निगम के स्वच्छता अभियान की पोल खुल जायेगी। इस तरह की बातें मोहल्लेवासी आपस में ही करने लगे हैं।
दरअसल सिंगरौली नगर निगम को स्वच्छता अभियान में प्रदेश में शीर्ष स्थान पर लाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाया गया है। कलेक्टर खुद मानीटरिंग कर रहे हैं।
यहां तक की रोजाना सुबह-सुबह कलेक्टर राजीव रंजन मीना, ननि आयुक्त आरपी सिंह, स्वच्छता प्रभारी व्हीपी उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री आरके जैन सहित अन्य अमले के साथ नगर का भ्रमण करते हंै और यह भ्रमण नवजीवन विहार, बस स्टैण्ड तक ही सीमित नजर आ रहा है।
ऐसे मेें सिंगरौली नगर निगम की स्वच्छता रैकिंग कैसे बढ़ेगी इसको लेकर बुद्धिजीवी भी सवाल उठा रहे हैं कि नगर निगम के अधिकारी कलेक्टर को बस्तियों की ओर क्यों नहीं ले जाते।
आरोप है कि यदि कलेक्टर को नगरीय क्षेत्र के गली-मोहल्लों व बस्तियों का भ्रमण करायें तो स्वच्छ भारत अभियान के ढोल का पोल एक झटके में ही खुल जायेगा। रहवासी बता रहे हैं कि ज्यादा दूर न जायें कोतवाली के पीछे गली, मोहल्लों के नालियों व खुले स्थान पर लगे कचरे का ढेर, बहता पानी सबकुछ बया कर देगा। वार्ड क्र.41 एवं 40 के कई गली-मोहल्लों की नालियां कचरे से सराबोर हैं। मच्छरों का साम्राज्य हो चुका है।
फिर भी ननि के सफाई अमले को कचरा दूर-दूर तक नजर नहीं आता। फिलहाल यही कहा जा रहा है कि यदि वाकई ननि को स्वच्छता रैकिंग में छलांग लगानी है तो कलेक्टर के साथ बस्तियों का भ्रमण कराना चाहिए।
गली,मोहल्लों का भी लें जायजा
बार्ड में नालियों की साफ-सफाई व खाली पड़े प्लाटों में फैले कचरे के अंबार को हटाये जाने के लिए कई बार ननि अधिकारियों से फोन के माध्यम से अवगत कराया गया। लेकिन अभी तक वार्ड में साफ-सफाई नहीं हो पायी है। नगर निगम अमले द्वारा केवल शहर के मुख्य मार्गों सहित चौक चौराहों को ही साफ-सफाई रखी जा रही है। वार्डों में चारों तरफ गंदगी ही गंदगी फैली हुई है।
राजू सिंह चौहान, वार्डवासी
नगर निगम अमले द्वारा लगातार स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन वार्डों को देखने से पता चलता है कि आखिर नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान सही मायने में कागजों तक ही सीमित है। शासन के करोड़ों रूपये नगर निगम अमले द्वारा सामग्रियों की खरीदी और प्रचार प्रसार में लगा दिये जा रहे है। जिससे वार्डों की साफ-सफाई नहीं हो पा रही है।
लाल बहादुर, वार्डवासी
दवाईयों का छिड़काव करने में गुरेज क्यों?
नगर निगम अमला नालियों की साफ-सफाई करीब डेढ़ महीने पहले किया था। लेकिन नालियों की साफ-सफाई न होने से गंदगी से पटी हुई हैं। जिसके कारण व्यापक पैमाने पर मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। दवाईयों का छिड़काव नालियों में कभी नहीं कराया जाता।
गणेश प्रसाद सोनी, वार्डवासी
नगर निगम के आयुक्त सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारी सुनने व अखबारों में पढऩे में आता है कि बस स्टैण्ड सहित उसके आस-पास के स्थानों का भ्रमण कर साफ-सफाई कर जायजा लिये हैं। लेकिन ये जिम्मेदार अधिकारी कभी किसी वार्डों में जाकर वहां की साफ-सफाई का जायजा नहीं लेते। यदि साल में एक-दो बार भी वार्डों का भ्रमण करें तो निश्चित तौर पर वार्डों में भी साफ-सफाई दिखने लगेगी।
गोपी अग्रहरी, वार्डवासी