सिंगरौली 13 जून। नगरीय निकाय चुनाव धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने तीन दिन पूर्व सिंगरौली ननि मेयर का प्रत्याशी घोषित कर लिया है। लेकिन भाजपा में भी पेंच फसा हुआ है। दावेदारों की संख्या लंबी होने से भाजपा शीर्ष नेतृत्व को सामंजस्य बनाने में पसीने छूट रहे हैं।
दरअसल नगरीय निकाय चुनाव का ऐलान होने के बाद 11 जून से नाम निर्देशन फार्म जमा किये जा रहे हैं, किन्तु अभी तक भाजपा, आप व बसपा, शिवसेना, सपाक्स व अन्य राजनैतिक पार्टियों में महापौर एवं पार्षद पद के प्रत्याशियों का ऐलान नहीं कर पायी है। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा ने कई दावेदार महापौर पद के लिए दावा किया है। जिसमें मुख्य रूप से भाजपा वरिष्ठ नेता गिरीश द्विवेदी, रामनिवास शाह, चन्द्रप्रताप विश्वकर्मा, इन्द्रेश पाण्डेय, शिवेन्द्र बहादुर सिंह, विनोद चौबे, अरविन्द द्विवेदी, संजीव अग्रवाल जैसे नाम शामिल रहे। दावेदारों की संख्या लगातार बढऩे से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। मामला विवादित होने के कारण इस पर अभी भाजपा शीर्ष नेतृत्व विचार मंथन कर रहा है। भाजपा का टिकट कयासों के दौर से गुजर रहा है। भाजपा, बसपा व आप पार्टी की ओर से मेयर पद का प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर तरह-तरह की अटकले लगायी जा रही हैं। भाजपा की ओर से सबसे ज्यादा गिरीश द्विवेदी, रामनिवास शाह, चन्द्रप्रताप विश्वकर्मा एवं वीरेन्द्र गोयल प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। बसपा व आम आदमी पार्टी वेट एंड वॉच पर है। भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही उक्त दोनों दल अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेंगे। वहीं पार्षद पद के प्रत्याशियों का मामला लटका हुआ है। प्रमुख दल अभी तक पार्षद पद का ऐलान नहीं कर पाया है। फिलहाल सिंगरौली ननि मेयर के प्रत्याशी भाजपा द्वारा अभी तक ऐलान नहीं किये जाने को लेकर शहर के गली-चौराहों व चाय पान के ठेलों पर कयासों का दौर खूब चल रहा है।
भाजपा को लग सकता है बड़ा झटका
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के कई नेताओं की नजर मेयर पद पर है। टिकट ऐलान के इंतजार मेंं हैं। यदि इस बार उन्हें नजरअंदाज किया गया तो भाजपा में बड़ी फूट हो सकती है और सिंगरौली के कई नेता भाजपा का दामन छोड़कर बहुजन समाज पार्टी व आम आदमी पार्टी के पाले में जा सकते हैं। ऐसे भाजपा के कथित नेता इन दिनों बसपा एवं आम आदमी पार्टी शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं। यहां तक की एक भाजपा नेता सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा भी बया कर रहे हैं। हालांकि अभी वे इशारे-इशारो में अपनी नाराजगी जता रहे हैं। लेकिन चर्चा है कि भाजपा के कुछ नेता जल्द ही बाय-बाय करने वाले हैं।