Submerged company : अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल के शेयर में लगातार दूसरे दिन तेजी आई। कंपनी(company) के शेयरों में आज करीब 5 फीसदी की तेजी आई और इसके शेयर की कीमत 9.55 रुपये पर पहुंच गई।
कर्ज में डूबी कंपनियां बिकी, 2 दिन पहले शुरू हुई ट्रेडिंग अब लगातार कर्ज में डूबी अनिल अंबानी(Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल में लगातार दूसरे दिन अपर सर्किट लगा है।
Submerged company : कंपनी के शेयरों में आज करीब 5 फीसदी की तेजी आई और इसके शेयर की कीमत 9.55 रुपये पर पहुंच गई। इससे पहले गुरुवार को भी इसका अपर सर्किट लगा था। आपको बता दें कि शेयरों में यह उछाल एनसीएलएटी(NCLAT) के एक बयान के बाद देखने को मिला है।
दरअसल, गुरुवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने रिलायंस कैपिटल (आरसीएपी) समाधान मामले में लेनदारों की नीलामी याचिकाओं के एक और दौर को स्वीकार कर लिया। कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल इस समय दिवालियापन(bankruptcy) की कार्यवाही में है।
Submerged company : क्या है पूरा मामला?
NCLAT ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि लेनदारों की समिति (COC) को उच्च बोली के लिए प्रयास करने का अधिकार था। अपीलीय न्यायाधिकरण(tribunal) ने सीओसी को चुनौती प्रक्रिया जारी रखने और दो सप्ताह के बाद बोलियां आमंत्रित करने की अनुमति दी। NCLAT ने विस्तारा ITCL (इंडिया) लिमिटेड पर यह आदेश पारित किया।
Submerged company : याचिका में कहा गया है कि विस्तारा अनिल अंबानी की प्रवर्तित कंपनी के ऋणदाताओं में से एक है। याचिका में एनसीएलटी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें दिवालिया(bankrupt) कंपनी की आगे की नीलामी पर रोक लगा दी गई थी।
जहां तक रिलायंस कैपिटल की बात है तो टोरेंट इन्वेस्टमेंट(torrent investment) ने 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई। हालांकि, कंपनी की लेनदारों की समिति ने दूसरी चुनौती प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया। फिर हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लि. (आईआईएचएल) ने संशोधित बोली प्रस्तुत की।
Submerged company : टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने इसे एनसीएलटी(NCLT) की मुंबई पीठ के समक्ष चुनौती दी थी। एनसीएलटी ने दो फरवरी को कहा था कि वित्तीय बोलियों को चुनौती देने की प्रक्रिया 21 दिसंबर, 2022 को पूरी हो गई थी। इसके बाद, टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 9 जनवरी को एक नई
Submerged company : याचिका दायर की, जिसमें ट्रिब्यूनल से ऋणदाताओं(lenders) की नई नीलामी की योजना पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया। बाद में IIHL ने भी NCLT के आदेश को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की। आईआईएचएल ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की। समाधान प्रक्रिया से गुजर रही रिलायंस कैपिटल पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
