उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में भीषण गर्मी ( AC ) पड़ रही है. बढ़ते तापमान ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. धार्मिक नगरी उज्जैन की बात करें तो यहां का तापमान 44 डिग्री के आसपास है. ऐसे में लोग गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह ( AC ) के उपाय कर रहे हैं.
इस शहर में कई प्राचीन मंदिर हैं जहां विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। ऐसे में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. उज्जैन में इस्कॉन मंदिर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह को ठंडा रखने के लिए तीन एसी ( AC ) लगाई गयी हैं। भगवान को निरंतर शीतलता प्रदान करने के लिए 21 दिनों तक चंदन का लेप भी लगाया जाएगा।
इस्कॉन मंदिर के पंडित राघव दास ने कहा कि हम तो मनुष्य हैं, लेकिन भगवान तो देवता, प्रभु हैं. वे प्रेम का स्वरूप हैं. उसी भाव से हम उनकी सेवा करते हैं. यह मंदिर भगवान का है, तो पहला अधिकार उन्हीं का है. भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हमलोग से प्रेम करते हैं और सेवा लेते हैं.
भगवान कृष्ण और राधा को ठंडक पहुंचाने के लिए एसी के साथ चंदन का लेप भी लगाया जा रहा है। गर्मी बढ़ने पर भगवान को शीतलता और शीतलता प्रदान करने के लिए प्रतिदिन चार लोग चंदन का लेप तैयार कर रहे हैं। करीब 20 किलो चंदन एकत्र कर भगवान को अर्पित किया जाएगा, ताकि इस भीषण गर्मी में भगवान को शीतलता मिले।
महाकाल को भी शीतलता दी जा रही
बाबा महाकाल के गर्भगृह में 11 पात्र रखे गए। इनमें 11 पवित्र नदियों का जल भरा हुआ है। बाबा महाकाल को गर्मी न लगे इसलिए यह परंपरा निभाई जाती है। इस बार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल को शुरू हुई है।
श्रीकृष्ण की उपदेशस्थली पर ठंडा भोजन
सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास ने कहा कि भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए दही, श्रीखंड, तरबूज और आम सहित पेय का भोग लगाया जा रहा है। यह प्रसाद श्रीकृष्ण, बलराम, सुदामा और गुरु सांदीपनि को अर्पित किया जाता है। भगवान को शीतलता के लिए प्रतिदिन चंदन का लेप भी लगाया जा रहा है।
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उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन में भीषण गर्मी ( AC ) पड़ रही है. बढ़ते तापमान ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. धार्मिक नगरी उज्जैन की बात करें तो यहां का तापमान 44 डिग्री के आसपास है. ऐसे में लोग गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह ( AC ) के उपाय कर रहे हैं.
इस शहर में कई प्राचीन मंदिर हैं जहां विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। ऐसे में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. उज्जैन में इस्कॉन मंदिर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह को ठंडा रखने के लिए तीन एसी ( AC ) लगाई गयी हैं। भगवान को निरंतर शीतलता प्रदान करने के लिए 21 दिनों तक चंदन का लेप भी लगाया जाएगा।
इस्कॉन मंदिर के पंडित राघव दास ने कहा कि हम तो मनुष्य हैं, लेकिन भगवान तो देवता, प्रभु हैं. वे प्रेम का स्वरूप हैं. उसी भाव से हम उनकी सेवा करते हैं. यह मंदिर भगवान का है, तो पहला अधिकार उन्हीं का है. भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हमलोग से प्रेम करते हैं और सेवा लेते हैं.
भगवान कृष्ण और राधा को ठंडक पहुंचाने के लिए एसी के साथ चंदन का लेप भी लगाया जा रहा है। गर्मी बढ़ने पर भगवान को शीतलता और शीतलता प्रदान करने के लिए प्रतिदिन चार लोग चंदन का लेप तैयार कर रहे हैं। करीब 20 किलो चंदन एकत्र कर भगवान को अर्पित किया जाएगा, ताकि इस भीषण गर्मी में भगवान को शीतलता मिले।
महाकाल को भी शीतलता दी जा रही
बाबा महाकाल के गर्भगृह में 11 पात्र रखे गए। इनमें 11 पवित्र नदियों का जल भरा हुआ है। बाबा महाकाल को गर्मी न लगे इसलिए यह परंपरा निभाई जाती है। इस बार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल को शुरू हुई है।
श्रीकृष्ण की उपदेशस्थली पर ठंडा भोजन
सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास ने कहा कि भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए दही, श्रीखंड, तरबूज और आम सहित पेय का भोग लगाया जा रहा है। यह प्रसाद श्रीकृष्ण, बलराम, सुदामा और गुरु सांदीपनि को अर्पित किया जाता है। भगवान को शीतलता के लिए प्रतिदिन चंदन का लेप भी लगाया जा रहा है।