Ambassador Bikes : पहली एंबेसडर बाइक 1962 में लॉन्च की गई थी। पहली एंबेसडर बाइक 1962 में लॉन्च की गई थी। राजदूत बाइक्स भारत की आजादी (independence)के बाद भारत में बाइक्स और कारों का चलन बढ़ने लगा। हिंदुस्तान मोटर्स समेत कई विदेशी कंपनियां(companies) भी देश के कार बाजार में उतर रही थीं।
बाइक्स की बात करें तो Yezdi और Royal Enfield जैसी कंपनियां भी इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगी हैं। इनमें एक ऐसी विदेशी बाइक आई, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। उस जमाने के बड़े-बड़े अभिनेता और क्रिकेटर्स उस बाइक(bikes) की सवारी करते थे, लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ, जिसके कारण इस बाइक को भारत में बंद कर दिया गया।
आज हम यहां जिस बाइक की बात कर रहे हैं उसका नाम एंबेसडर है। आजादी के बाद कुछ सालों तक भारत में फास्ट बाइक का चलन बहुत कम था। इसी बीच पोलिश कंपनी एस्कॉर्ट ग्रुप ने अपने SHL 11 को फिर से डिजाइन कर भारत में लॉन्च किया है और इसे एंबेसडर नाम दिया है।
तेज रफ्तार बाइक थी। इसे भारतीय सड़कों पर चलने के लिए डिजाइन किया गया है। लेकिन शुरुआत में बाइक को कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिलता है। इस बाइक की टॉप स्पीड 150 kmph थी। यह महज 4 सेकंड में 0 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।
Ambassador Bikes : फिल्म बॉबी बदली का भाग्य
1970 तक बाइक की बिक्री कम होने लगी, लेकिन 1973 में आई फिल्म बॉबी ने बाइक की किस्मत खोल दी। इस तस्वीर को काफी पसंद किया गया है. फिल्म में हीरो ऋषि कपूर को एंबेसडर बाइक की सवारी करते हुए दिखाया गया है।
फिर क्या था युवाओं को भी यह बाइक काफी पसंद आने लगी। अचानक इस बाइक की बिक्री बहुत तेजी से बढ़ी। उसके बाद कई फिल्मी सितारे और क्रिकेटर भी इस बाइक का इस्तेमाल करने लगे।
Ambassador Bikes : हर गांव में बाइक पहुंच चुकी है
कंपनी ने कुछ समय के लिए राहत की सांस ली, लेकिन कुछ सालों बाद एंबेसडर की बिक्री फिर से घटने लगी। इसके बाद कंपनी ने मॉडल को वापस ले लिया और नए मॉडल को लॉन्च करने की तैयारी की। एस्कॉर्ट ने इसके लिए जापान की यामाहा से हाथ मिलाया है।
इसके बाद दोनों कंपनियों ने मिलकर भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से नई बाइक लॉन्च की, जिसमें कई बदलाव किए गए हैं। इस वजह से लागत में भी काफी कमी आई है। इसके बाद बाइक देश के हर गांव में पहुंचती है। खराब सड़कों पर भी इसे आसानी से चलाया जा सकता है। भारत सरकार ने भी कुछ बाइकें खरीदीं और उन्हें वन एवं चिकित्सा विभाग को दे दिया।
Ambassador Bikes : इस वजह से बंद है
1990 के दशक में जब एक बार कंपनी की बिक्री घटने लगी तो इस दौरान कई कंपनियों ने भारतीय बाजार में प्रवेश किया। ये कंपनियां सस्ती और अच्छी बाइक बना रही थीं। एक रेसिंग बाइक होने के बावजूद, Ambassador में कई सारे सेफ्टी फ़ीचर्स नहीं थे।
इसके चलते हादसों की संख्या में इजाफा हुआ है। लोगों में दहशत फैल गई और भारत में राजदूत की लोकप्रियता कम होने लगी। इसके अलावा बाइक के पुर्जे आसानी से उपलब्ध नहीं थे क्योंकि कंपनी की सर्विस अच्छी नहीं थी। 1991 में कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया।