Singrauli News : एपीएमडीसी सुलियरी परियोजना अंतर्गत निकलने वाला कोयला कई जिले व प्रदेशों में ट्रांसपोर्ट हो रहा है।
अभी हाल ही में कुछ महीनो पूर्व से कंपनी में प्रतिदिन ओवरलोड गाड़ियों का पकड़े जाना, गाड़ियों का व्यवस्थित और इंपोर्टेंट पेपर ना होना, बिना E खनिज (TP )के ही गाड़ियों का बाहर हो जाना इस तरह के कई मामले सामने आने लगे हैं,
सोशल मीडिया एवं अन्य थाने के मामलों को देखते हुए हमारी टीम ने इस पर सर्च किया तो सूत्रों के माध्यम से पता चला कि पहले सभी कार्य सुचारू और व्यवस्थित रूप से चल रहे थे परंतु नए डिस्पैच इंचार्ज गौरव यालुरवार के आने पर कुछ लोडिंग सुपरवाइजर, ओवरमैन, और अडानी सिक्योरिटी की मिली भगत के कारण ओवर लोडिंग, फर्जी डॉक्यूमेंट,फर्जी टीपी या खनिज के ही पावर पोस्ट का उपयोग कर गाड़ियों को बाहर कराया जाता है,
और पकड़े जाने से विस्थापित कर्मचारियों को फसाया जाता है और उन्हें नौकरी से निकलना और जेल भिजवाने की धमकी भी दी जाती है। सूत्रों की माने तो दबाव बना कर, नौकरी से निकालने, कुछ भी केस लगवा कर जेल भेजवाने की धमकी देकर विस्थापित कर्मचारियों से भी अवैध कार्य कराए जाते हैं। इतना ही नही कुछ जगहों पर स्वयं से बचने के लिए विस्थापित कर्मचारियों को मोहरा बनाकर बिना किसी प्रूफ के फंसा दिया जाता है।
डिस्पैच इंचार्ज के कार्यभार एवं हाव भाव से प्रताड़ित है विस्थापित कर्मचारी
संपूर्ण कार्य निष्ठा एवं ईमानदारी से कार्य करने वाले विस्थापित कर्मचारी कंपनी के सिस्टम और उच्च अधिकारियों से अत्यंत प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं इतनी मेहनत और हर बार उनके लक्ष्य को पूरा करने वाले विस्थापित कर्मचारियों की सैलरी भी कभी समया अनुसार नहीं मिलती और नए डिस्पैच इंचार्ज के प्रतिदिन की धमकियों से अत्यंत प्रताड़ित महसूस कर रहा है विस्थापित कर्मचारियों के अनुसार एमडीओ अदानी के दबाव में आकर विस्थापित कर्मचारियों को डिस्पैच से निकालने के उद्देश्य से प्रताड़ित करने की योजना बनाई गई जिससे फर्जी तरीके से कर्मचारियों को फंसा कर उनसे लिखित में लेना परंतु उनके अपराध को किसी भी प्रकार से सिद्ध न करना इस तरह अदानी की मिली भगत मानसिकता का परिचायक हैं।
डिस्पैच इंचार्ज की हो रही कॉल रिकॉर्डिंग वायरल
पैसे की डिमांड करते हुए सुलियरी परियोजना के डिस्पैच इंचार्ज की रिकॉर्डिंग व्हाट्सएप चैट एवं फोन पे के स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कर्मचारियों को निकालने की धमकी भरे रिकॉर्डिग भी वायरल हों रही हैं.
कंपनी प्रबंधन घटित होने वाली घटनाओं से हैं अनजान
कंपनी प्रबंध के व महाप्रबंधक माइंस या डिस्पैच के अंदर घटित होने वाली घटनाओं से बिल्कुल भी अनजान है या कहा जा सकता है कि जानबूझकर बने हुए हैं। परंतु यह बेहतर है कि डिस्पैच इंचार्ज के द्वारा की गई करतूत ऊन तक ना पहुंचने का मतलब डिस्पैच इंचार्ज घटनाओं को डाइवर्ट कर विस्थापित कर्मचारियों पर ही थोप देते हैं।