स्मार्ट सिटी के तहत SINGRAULI शहर में करोड़ों रूपये की लागत से पिछले वर्ष पीसीसी सड़क का निर्माण कार्य रीवा के एक कान्स्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा कार्य कराया गया था। किन्तु एक साल के अंदर ही पीसीसी सड़क में डामर से लेप कराये जाने पर लोगों के गले से बात नहीं उतर रही है।
गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली में भी स्मार्ट सिटी के तहत शहर को विकसित करने का ऐलान किया था। जिसमें एनसीएल बाउन्ड्री बिलौंजी से लेकर जिला पंचायत रोड, माजन तिराहा तक करोड़ों रूपये की लागत से स्मार्ट सिटी के तहत पीसीसी सड़क का निर्माण कार्य कराया गया था।
निर्माण कार्य के दौरान ही सड़क के गुणवत्ता पर प्रश्रचिन्ह लग गया था। तत्कालीन SINGRAULI नगर पालिक निगम के अध्यक्ष चन्द्रप्रताप विश्वकर्मा ने पीसीसी सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर कलेक्टर एवं आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल तक शिकायत किया था। परिणाम स्वरूप बिलौंजी मार्ग में कुछ पीसीसी सड़क को तोड़कर संविदाकार ने दोबारा कार्य कराने के लिए मजबूर हो गया था।
इसके बावजूद भी सड़क के गुणवत्ता को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे थे। इतना हीं नहीं करोड़ों रूपये की लागत से बनी पीसीसी सड़क क्षतिग्रस्त होने लगी। आरोप है कि संविदाकार अपनी करतूतों को छुपाने के लिए माजनमोड़ तिराहा, जिला पंचायत,डीएफओ आफीस मार्ग से लेकर एनसीएल बाउन्ड्री बिलौंजी अंतिम छोर तक डामर का लेप आनन-फानन में लगा दिया गया है।
चर्चा है कि सड़क कई जगह क्षतिग्रस्त हो गयी है। पीसीसी सड़क से निकल रही गिट्टियों को भरने के लिए संविदाकार ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ बैठाकर इस तरह का नायाब तरीका निकाला है। फिलहाल करोड़ों रूपये की लागत से स्मार्ट सिटी के तहत बनायी गयी पीसीसी सड़क में डामर का लेप लगाये जाने को लेकर क्रियान्वयन एजेंसी व संविदाकार सवालों के घेरे में आ गया है। यहां के प्रबुद्ध नागरिकों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सालभर के अंदर पीसीसी सड़क में डामर का लेप लगाये जाने के मामले की जांच कराये जाने की मांग शुरू कर दी गयी है।
