SINGRAULI NEWS – इस सीजन में तेज बारिश न होने के कारण जर्जर गोपद पुलिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वर्ना यदि तेज बारिश होती तो सीधी- SINGRAULI का आवागमन अवरूद्ध हो सकता था। यह कोई और नहीं बल्कि जर्जर गोपद की पुलिया की हालत बया कर रही है।
दरअसल सीधी-सिंगरौली एनएच-39 का निर्माण कार्य वर्ष 2012-13 से आरंभ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देवसर में एनएच-39 के निर्माण कार्य के लिए आधारशिला रखे थे। हालांकि उस दौरान केन्द्र में यूपीए की सरकार थी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। एनएच-39 का निर्माण कार्य दिल्ली की ब्लैक लिस्टेड गैमन इंडिया लि.को कार्य मिला था।
तभी से अनुमान लगाया जाने लगा था कि सीधी- SINGRAULI सड़क मार्ग के निर्माण कार्य पर ग्रहण जरूर लगेगा और लोगों का अनुमान सौ प्रतिशत सच निकला है। आलम यह है की एनएच-39 निर्माणाधीन फोर लेन सड़क का कार्य सांसद रीती पाठक के प्रयास से दूसरी बार टेण्डर हुआ। आरोप लग रहा है की संविदाकार मंथरगति से कार्य चल रहा है जिसको लेकर आये दिन विपक्षी दल हमला बोल रहे थे। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि गोपद पुलिया की हालत बेहद नाजुक है।
इस वर्ष अभी तक तेज बारिश नहीं हुई वर्ना सीधी-सिंगरौली मार्ग अवरूद्ध हो सकता था। पुलिया कब क्षतिग्रस्त हो जाय इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। गोपद नदी पर कई सालों से तत्कालीन संविदा कंपनी टेक्नो यूनिक द्वारा आधा-अधूरा कार्य कराय गया और करीब-करीब निर्माणाधीन पुलिया की हालत जस की तस है। जबकि विधायक सिंगरौली ने पिछले वर्ष भूमि पूजन के दौरान पुल-पुलियों के कार्य को पूरा करने का सुझाव दिये थे। शायद उनके सुझाव को एमपीआरडीसी व संविदाकार ने अहमियत नहीं दिया है। लिहाजा संविदाकार एवं एमपीआरडीसी के द्वारा अपने मनमुताबिक कार्य कराया जा रहा है।
जिसको लेकर लगातार आमजनों के साथ-साथ राजनैतिक दलों के द्वारा भी तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। हालांकि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह सब भली-भांति जानते भी हैं। वहीं जानकार बताते है कि एनएच-39 निर्माणाधीन सड़क को लेकर सांसद रीती पाठक ने लगातार केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकार कर इस समस्या से अवगत कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ीं और यही नतीजा है की गैमन इंडिया कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दोबारा कार्य के लिए टेण्डर कराया जाय।
विवादों में थी गैमन इंडिया कंपनी
वर्ष 2012-13 में सीधी- SINGRAULI एनएच-39 फोरलेन का कार्य गैमन इंडिया को मिला था। सूत्र बताते हैं की जिस वक्त यह टेण्डर गैमन इंडिया कंपनी को मिला। तभी से इस कार्य पर संकट के बादल मडऱाने लगे। आरोप है की गैमन इंडिया कंपनी दिल्ली में फ्लाई ओवर का कार्य कर रही थी। जहां फ्लाई ओव्हर के गिरने से कई लोगों की जानें गयी थीं। तत्कालीन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उक्त कंपनी को ब्लैक लिस्टेट कर दी थीं। फिर इस कंपनी को तत्कालीन यूपीए सरकार में उक्त टेण्डर क्यों पास हुआ। यह भी एक बड़ा प्रश्रचिन्ह है।