वन परिक्षेत्र बैढऩ के अमले ने दो कारोबारियों के कब्जे से वन्य प्राणी एवं संरक्षित पक्षियों के अवशेष बरामद कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया। जहां से दोनों आरोपियों को वन अमले की टीम ने 3 नवम्बर तक के लिए रिमाण्ड पर ले लिया है। दोनों व्यापारियों का किराना व पूजा पाठ की दुकानें हैं।
वन परिक्षेत्राधिकारी बैढऩ भीमसेन वर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक मुखबिरों के जरिये सूचना मिली की मोरवा स्थित सुधीर किराना एवं पूजन सामग्री दुकान में वन्य प्राणियों के अवशेष बेचे जा रहे हैं। इसी तरह की सूचना *बैढऩ स्थित हरिहर सेठ* दुकान से भी मिली। इसकी जानकारी वन मण्डलाधिकारी एवं उप वन मण्डलाधिकारी को देते हुए अलग-अलग टीमें गठित कर मुखबिरों के बताये स्थान पर छापामार कार्रवाई की गयी। जहां मोरवा स्थित सुधीर किराना स्टोर के संचालक नवीन बर्मन पिता सुधीर कुमार वर्मन के यहां से आरोपी की दुकान में छापामार कार्रवाई के दौरान उल्लू के नाखुन 4, बारहसिंघा के टुकड़ा 1, गिदड़ के नाखुन 12, इन्द्रजाल 2, साही के कांटे 383 की संख्या में जप्त किये गये। वहीं बैढऩ स्थित भरतलाल गुप्ता पिता हरिहर गुप्ता उम्र 56 वर्ष निवासी बैढऩ के कब्जे से इन्द्रजाल 2, नरगोह 2 नग अवशेषl जप्त कर दोनों आरोपियों के विरूद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39, 40, 42, 44, 49, 51 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें आगामी 3 नवम्बर तक के लिए रिमांड पर ले लिया गया है। जप्त अवशेष की कीमत तकरीबन 50 हजार से ऊपर आंकी जा रही है।
परीक्षण के लिए जायेगा देहरादून
जानकारी के मुताबिक वन्य प्राणी व पक्षियों के जप्त अवशेषों के परीक्षण के लिए वन अमला बैढऩ के द्वारा वन्य प्राणी अनुसंधान केन्द्र देहरादून के लैब में भेजा जायेगा। जहां इसकी जांच होगी। हालांकि प्रथम दृष्टया में अवशेष सही पाये जाने के कारण जप्त कर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गयी है। वन विभाग के इस कार्रवाई से पूरे शहर में हड़कम्प मचा हुआ है।
शहर के नामी गिरामी भरतलाल सेठ पर हुई कार्रवाई
बैढऩ के सबसे नामी गिरामी दुकानों के श्रेणी में भरतलाल सेठ शामिल हैं। इन पर हुई कार्रवाई को लेकर पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हरिहर सेठ के नाम से प्रसिद्ध भरतलाल की दुकान में आयुर्वेद सहित जनरल एवं किराना स्टोर की दुकान है। पुरानी से पुरानी आयुर्वेद की दवा व जड़ी बूटियां उपलब्ध हो जाती हैं। इतना ही नहीं हरिहर सेठ का नाम समूचे ऊर्जाधानी में चर्चित है। आज इन पर हुई कार्रवाई से हर कोई भौचक है।